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सब ने पाप किया है

1:14:55

सभी पिता परमेश्वर की महिमा से दूर हो गए हैं

1:03:34

मसीह का क्रूश

54:30

पुनरुत्थान का अर्थ

1:19:23

मसीह के पुनरुत्थान का अर्थ – भाग २

58:23

सच्चे मसीही का बदला हुआ नया स्वभाव – सत्र १ और २

1:14:03

सच्चे मसीही का बदला हुआ नया स्वभाव – भाग २

54:50

सुसमाचार की प्राथमिकता

1:14:52

यीशु मसीह में परमेश्वर का प्रेम

7:12

यीशु मसीह में परमेश्वर का प्रेम

परमेश्वर का क्रोध अवर्णनीय है, लेकिन यीशु मसीह के द्वारा प्रदर्शित उनका प्रेम और भी वर्णन से बहार है |

एक मनुष्य ईश्वर के समक्ष कैसे सही हो सकता है?

एक मनुष्य ईश्वर के समक्ष कैसे सही हो सकता है?

पहली नज़र में यह प्रश्न बहुतों को ऊट पटांग लगेगा | आख़िरकार, क्या परमेश्वर प्रत्येक को क्षमा नहीं करता और ग्रहण नहीं करता? क्या प्रत्येक परमेश्वर के समक्ष "सही" नहीं है?

शुभ वर्तमान (The Gospel in Marathi)

शुभ वर्तमान (The Gospel in Marathi)

माझ्या आत्म्याच्या अनन्त काळ च्या भलाई साठी शुभ -वर्तमान आहे का ? होय! प्रभु येशु ख्रिस्ता मधे (पाप स्वीकार क़रुन विश्वास ठेवणार्या पापी व्यक्तिना) सर्व पाप अपराधांची क्षमा मिळते व परमेश्वरा सोबत मिलाप होऊन खरी शान्ति मिळते।

अनन्त जीवन का शुभ-समाचार

अनन्त जीवन का शुभ-समाचार

मेरी आत्मा की अनन्त काल की भलाईं के लिए क्या कोई शुभ - समाचार हैं? जी हाँ ! प्रभु यीशु मसीह में (अपने पाप क़बूल करनेवाले पापीयोंको) सारे पापोंकी क्षमाप्राप्ति और परमेश्वर के साथ मिलाप होकर सच्ची शान्ति मिलती हैं।